
शायद आपको ये नही पता के किसी भी राज्य को धारा ३५५ और ३५६ के तहत धमकी दे देने से कुछ नही होता, आपको उसके साथ वहाँ की परिस्थितियाँ भी देखनी पडेंगी, क्या ऐसा लगता है की वहा पर हमारे देश का संविधान असुरक्षित है शायद कोई भी नही कहेगा, आखिर क्यो ईसाईयो की संख्या लगातार बढती जा रही है ग्राहम स्टेंस की हत्या के बाद क्या क्या हुआ था किसी से छिपा नही है| लेकिन सबसे बुरी बात उनका माओवादियो और नक्सलियो से गठजोड है जो सामने आई है| ये सारी बाते एक तरफ लेकिन धर्म परिवर्तन आखिर होता हि क्यो है और होता भी है तो आदिवासियो और नीचे तबके के लोगो का ही क्यो? कही न कही ईसाई समुदाय भी बराबर के जिम्मेवार है ईन सभी के लिये|

आप अब वीरप्पा मोईली जी को देखीये गृहमंत्री से दो कदम आगे बढ गये वो राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ पर प्रतिबंध लगाने की बात करते है उन्हे पता नही ये उनके हद की बाहर की चीज है प्रतिबंध तो दुर की बात है अगर आपने ईसे छेडा भी तो बुरी तरह फस जायेंगे| आप लोग काश्मीर और उडीसा को ही सम्हाल लो तो बेह्तर है| मै मानता हुँ की कई चीजे बुरी है राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ मे पर अभी ये वक्त नही उन्हे छेडने का|









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तभी ननकी चाचा दीखाई पडते फिर क्या बात! अरे भाई ननकी चाचा के साथ भैस नहलाने का जो मौका मिलता था ऊसका कोई जोर नही वो अपने आप को गाँव मे भैस के मामले मे सुपर आदमी समझते और क्या मजाल की कोई कुछ बोल दे और ऊनका बात काट दे चाहे वो मसला खेती का हो या पंचायती का ऊनके तर्को के आगे सभी पस्त हो जाते, हम शाम को ऊनके साथ घर पहुचते और पापा जी के डाँट से बचत हो जाती थी फिर रात को एभेरेडी लालटेन या फिर दिया मे पढाई होता....
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