Thursday, April 30, 2009

एक अहसास

Dhiraj Chaurasia बडा खुशकिश्मत होता है वो दिन जब कोई पुराना बिछडा साथी आपको मिल जाता है, दिल एकबार फिर से धडकना शुरु कर देता है पुरानी यादो की सारी परते एक एक कर फिसलने लगती और आप एक बार फिर से यादो उन्ही की तंग गलियों में भटकना शुरू कर देते है...
कितना सुखद और कितना खुशनुमा अहसास होता है बिछडे दोस्तों का मिलना, शायद हम शब्दों में बया नही कर सकते वो एक दुसरे की टांग खिचाई करना और सभी लड़को का किसी न किसी लडकी के साथ टांका भिडा देना , फिर धमकी दे कर उससे पार्टी लेना और फ़िर उन सभी लड़कियों का छिप कर पंडित जी के चाय की दुकान के पास घंटो इन्तजार करना और उनके नजर मिलते ही छिप जाना, शायद उस दुनिया में समय की कोई कमी नही थी
बाद की हमारी लड़ाई चाय के पैसे से शुरू होती, सबके दिन फिक्स होते पैसा देने के, पर प्रवीण का कभी नही होता पैसा मांगने पर बस सिर्फ़ एक जवाब " साला जिस दिन पैसा कमाएंगे न उस दिन तोहरा पईसा से फुक देंगे " वो दिन पता नही कब आयेगा शायद आ भी जाए तो समय नही होगा क्योकी यहाँ पर "टाईम इज एवेरिथिंग"
आज मुझे एक बहुत ही प्यारे दोस्त की ब्लॉग मिली पर सारी खुशी काफूर हो गयी ये सोच के की पता नही उसे याद भी होगा या नही पर मेरी यही दुआ है की वो जहा भी रहे खुश रहे .........

Friday, April 10, 2009

कुछ लिखना चाहता हु मैं


एक दुर्घटना, आज मुझे फिर से ये हिन्दी ब्लाग के कीडे ने काट हि लिया, हजार कोशिशे की सारी की सारी बेकार, अन्त मे थक हार कर सोचा चलो अब ईस खुजली को मीटाने को कुछ न कुछ तो लिखना ही पडेगा | और वैसे भी बकरपन्ती करने की आदत तो बचपन से ही है , तो मुझे हमेशा लगता है की ब्लोगिं्ग की दुनिया मे कुछ न कुछ धमाल तो कर ही दुं्गा | फिर सबसे पहले सोचा थोडा सा रिसर्च हो जाये की आखिर ब्लोगर लोग हवा क्या दे रहे है लेकिन जब सच्चाई का सामना हुआ तो पुछो मत ईतने बडे बडे ब्लोगर के ब्लोग देख कर ही मेरे हाथ पाव फुल गये और सोचा यहा पर अपनी दाल नही गलने वाली भई सो चलो अब पतली गली से निकलने में ही भलाई है लेकिन ये कम्बख्त हिन्दी ब्लोग के किडे ने ईतनी जोर से काटा है कि बीना कुछ ब्लोग के मरहम लगाये जा भी नही सकता लिखे लेकिन समस्या अब ये है कि लिखे तो क्या | सोचा चलो अब कमेन्ट ही कर देते है किसी के ब्लोग पे , क्या बताउ वो भी नही हो पाया पर मैने अब यही सोचा है की पहले कापी पर लिखुं्गा उसके बाद कम्प्युटर पे ज्यो का ज्यो उतार दुं्गा|

पहली बार कुछ प्रोमिस किया है देखता हुं कब पुरी होती है |