आलासाए हुये से कम्पनी मे आना
और पुरी रात उघते हुये गुजारना
रुटीन के साथ सबका
फोन पे अटकना
और आकर मुझसे बोलना
यार वो कुछ ज्यादा ही फोन नही करता...
वो काफी लेने के बहाने
काल सेन्टर के लड्कियो का ईन्तजार करना
और लड्कियो के आते ही
नौ दो ग्यारह होना
वो नीरज का जुल्फो का झटकना
बात-बात पे विवेक का गुस्से से कुदकना
रवि का वो भोजपुरी गानो से सबको पकाना
और नीरज का बोलना
आज मेरे हाथो मर्ड्रर होगा
और वो दद्दु का आचानक आ जाना
और साथ मे झा जी का मैसेज
"Daddu is coming"
फिर विवेक का
वेबसाईट मिनिमाईज करना
और फिर दद्दु का पूछना
वेबसाईट मिनिमाईज करना
और फिर दद्दु का पूछना
वो रोहीत के गाने
वो नीरज की गजले
विवेक की मोबाईल
और सुमित की चैटींग
उसपे
गगन की चीटिंग (सुमित के और्कुट प्रोफाईल से)
वो अविनाश जी का कान्टेन्ट
वो सुमित का स्क्रैप
वो सुमित का स्क्रैप
वो झा जी का चेयर से गिरना
और पाण्डे का आना
और साथ मे पिल्लु को लाना
रोहीत से मोबाईल का डाटा केबल लेना
रोहीत से मोबाईल का डाटा केबल लेना
फिर बाद मे नीरज का कहना
बेटे तु तो मुझे निकलवा के रहेगा...
बेटे तु तो मुझे निकलवा के रहेगा...
और नीरज के जाते ही विवेक और रोहित का फोटोशेसन की तैयारी करना
हर पोज मे
शायद हम सब पास मे ही है
शायद हम सब पास मे ही है
नही है कुछ तो कम्बख्त समय
ये यादे शायद धुधं्ली ही सही
ये यादे शायद धुधं्ली ही सही
पर मिटेगी नही